सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,760 रुपये के नजदीक सहारे के साथ तेजी का रुझान रह सकता है।
2018-19 (अप्रैल-मार्च) में सोयामील का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 25% की बढ़ोतरी के साथ 1.5 मिलियन टन होने का अनुमान है। यूरोप और पश्चिम एशिया के देशों में सोयामील की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। ईरान भारतीय सोयामील का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। विश्व बाजार में भारतीय सोयामील की कीमत लगभग 440 डॉलर प्रति टन है जबकि अर्जेंटिना के सोयामील की कीमत 330 डॉलर प्रति टन है।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों में रिकवरी जारी रहने की संभावना नही है और कीमतों को 4,020 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। कारोबारियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पुराने स्टॉक की लगातार बिक्री से बाजारों में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है। नाफेड के पास अभी भी लगभग 2.18 लाख टन सरसों का स्टॉक है। इसके अतिरिक्त दिसंबर में तीन बार और जनवरी में हाल ही में उत्पादन क्षेत्रों में बारिश और कोहरा सरसों की फसल के लिए लाभदायक हो रही है और उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। जनवरी के अंत तक सरसों का कैरीओवर स्टॉक 5,00,000 टन है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 4,00,000 टन था।
सीपीओ वायदा (फरवरी) की कीमतों में पिछले पाँच हफ्ते से एकतरफा तेजी दर्ज की जा रही है और कीमतों के 560-570 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। लूनर नववर्ष अवकाश के कारण आज से मलेशियन बाजार बंद रहेगा और गुरुवार को खुलेगा। (शेयर मंथन, 06 फरवरी 2019)
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