अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300-6,250 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हाजिर बाजारों में पुरानी हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेरायटी (नयी) की कीमतें 6,200-6,908 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेरायटी की कीमतें 5699-6508 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही हैं। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 6028-7249 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेरायटी की कीमतें 5299-6199 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 15,500 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। हाजिर बाजारों में अनुमान से अधिक आवक होने के बीच बिकवाली के दबाव और खरीदारी कम होने के कारण कीमतों में नरमी का रुझान देखा जा रहा है।
धनिया वायदा (अप्रैल) में निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों को 6,545-6,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। राजस्थान के रामगंज मंडी में धनिया की नयी फसल की आवक शुरू होने लगी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक कीमत पर बिक रही है।
इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों को 1,600 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। सऊदी अरब के साथ कीटनाशक की मौजूदगी के मुद्दे के कारण भारत से निर्यात काफी कम हो रहा है। विदेशों को होने वाले निर्यात के लगभग 11 वर्षों में सबसे कम होने की संभावना से कारोबारी काफी निराश है। 2017-18 में रिकॉर्ड 5,680 रुपये टन इलायची के निर्यात के बाद 2018-19 में केवल 900 टन निर्यात होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 06 फरवरी 2019)
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