हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों में 6,000 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
वर्तमान समय में मैसूर क्वालिटी की हल्दी की आवक हो रही है। कुछ पुरानी हल्दी की भी आवक हो रही है, लेकिन कारोबारी नयी हल्दी की ही खरीदारी करना चाहते हैं। केवल मसाला कंपनियों की ओर से थोड़ी हल्दी की खरीदारी की जा रही है। सभी बाजारों में हल्दी की कीमतों में लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। इरोद की नयी हल्दी बाजार में बिकने के लिए अप्रैल के मध्य में आ सकती है।
जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 15,350-15,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बेहतर उत्पादन अनुमान के कारण कुल मिलाकर नरमी का रझान है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण कारोबारियों को उत्पादन बेहतर होने उम्मीद है। राजस्थान में अधिक उत्पादन के कारण 2019 में भारत में जीरे का उत्पादन 4,16,000 टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 9% अधिक है। इसके साथ ही बाजारों में कम निर्यात माँग के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,400-6,480 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। माँग और आपूर्ति में संतुलन के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में हाजिर कीमतों में स्थिरता है, जबकि मध्य प्रदेश के गुना बाजार में अधिक नमी वाली नयी फसल की बढ़ती आवक के कारण कीमतों में गिरावट हो रही है।
आपूर्ति की तुलना में माँग अधिक होने के कारण इलायची वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 1,530 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। उत्पादन क्षेत्रों में कुछ दिनों तक पर्याप्त बारिश नहीं हाने से उत्पादन प्रभावित होने से कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 19 मार्च 2019)
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