हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,300-6,425 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
इरोद के हाजिर बाजारों में अधिक माँग के बावजूद हल्दी की कीमतों में स्थिरता है। बुधवार को लगभग 60% आवक की बिक्री हुई। कारोबारियों को उत्तर भारत से अच्छा ऑर्डर मिला है। कारोबारी निजामाबाद बाजार से भी हल्दी की थोड़ी बहुत खरीददारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 17,200-17,300 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। निर्यात माँग के अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही है। भारत से जीरे के निर्यात के लिए मार्च और अप्रैल का समय काफी अहम होता है। वर्तमान समय में तुर्की और सीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात मांग में वृद्धि होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। विदेशी बाजार में इन दोनों देशों की जीरे की अधिक कीमतों के कारण भारतीय जीरा बेहतर विकल्प हो गया है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है और कीमतें 7,500-7,600 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। इस वर्ष कम आपूर्ति और कम उत्पादन अनुमान के कारण कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है और कीमतों को 7,000 के स्तर पर सहारा रह सकता है।
इलायची वायदा (मई) की कीमतों में 1,780 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। कम आपूर्ति और उत्पादन में कमी के कारण बोदीनयाकनूर में औसत कीमतें 1,752 रुपये प्रति किलो ग्राम की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गयी हैं। (शेयर मंथन, 25 अप्रैल 2019)
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