हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतें 7,050 रुपये के बाधा स्तर को पार कर गयी हैं और कीमतें 7,200-7,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
बारिश की कमी के कारण पिछले वर्ष की तुलना में पैदावार क्षेत्रों में कमी के कारण तेजी का रुझान है। मौजूदा सीजन में तेलंगाना में 224.8 मिमी सामान्य बारिश की तुलना में अभी तक 149.4 मिमी बारिश हुई है। तमिलनाडु में भी सामान्य से कम बारिश हुई है। तमिलनाडु और तेलंगाना के प्रमुख हल्दी उत्पादन क्षेत्र है। इरोद कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,800-7,076 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 5,889-6,723 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का जारी रहने की संभावना है और कीमतें 18,500 रुपये तक पहुँच सकती हैं। कम आवक के बीच स्थिर घरेलू और विदेशी माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। बेहतर कीमतें मिलने की उम्मीद से किसानों द्वारा स्टॉक रोक कर रखे जाने से कीमतों को मदद मिल सकती है।
कम भंडार, कम बारिश और कम उत्पादन के कारण इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों में 3,100 रुपये तक बढ़त हो सकती है। केरल के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में पिछले वर्ष की भारी बारिश के विपरीत इस वर्ष अत्यंत कम मॉनसून के कारण इलायची का उत्पादन सामान्य से 30-40% कम होने का अनुमान है। इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से लगभग 35% कम बारिश होने की संभावना है। इसलिए जुलाई में नयी फसल की होने के बावजूद कीमतों में गिरावट होने की संभावना नहीं है। माँग और आपूर्ति में भारी अंतर के कारण जो भी आवक होगी उसे स्टॉकिस्टों द्वारा खरीदा जायेगा।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में 7,110-7,150 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी की जा सकती है और 7,300-7,400 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। राजस्थान और गुजरात के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम उत्पादन और अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 17 जुलाई 2019)
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