कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें 21,070-21,260 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
गुरुवार को जारी होने वाले साप्ताहिक निर्यात के आँकड़ों से पहले कुछ कारोबारियों द्वारा जवाबी खरीद के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों में कल 1% से अधिक की बढ़ेतरी दर्ज की गयी है। कारोबारियों को उम्मीद है कि मौजूदा कीमतों पर कपास की माँग में बढ़ोतरी होगी। आईसीई में दिसंबर वायदा की कीमतें 1.18% की बढ़ोतरी के साथ 59.84 सेंट पर कारोबार कर रही हैं। इस बीच एमसीएक्स ने कॉटन 29 एमएम में अक्टूबर और इसके बाद एक्सपायर होने वाले कॉन्ट्रैक्ट की अनिवार्य डिलीवरी के लिए स्टैगर्ड डिलीवरी प्रक्रिया के तहत टेंडर अवधि को शामिल किया है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,320 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है। ग्वारसीड की उत्पादकता पिछले वर्ष 334 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो हाने का अनुमान है।
ग्वारगम वायदा (सितंबर) की कीमतों में 8,350 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। शेल तेल की ड्रिलिंग में धीमेपन के कारण अमेरिकी तेल और गैस उद्योग की ओर से निर्यात माँग में कमी के कारण निर्यात पर पड़ सकता है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के लगातार चौथे सप्ताह 5,615-5,660 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से बढ़ती माँग और उत्पादन क्षेत्रों में गिरावट के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। हालाँकि इसके विपरीत कम निर्यात माँग के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। (शेयर मंथन, 22 अगस्त 2019)
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,320 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है। ग्वारसीड की उत्पादकता पिछले वर्ष 334 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो हाने का अनुमान है।
ग्वारगम वायदा (सितंबर) की कीमतों में 8,350 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। शेल तेल की ड्रिलिंग में धीमेपन के कारण अमेरिकी तेल और गैस उद्योग की ओर से निर्यात माँग में कमी के कारण निर्यात पर पड़ सकता है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के लगातार चौथे सप्ताह 5,615-5,660 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से बढ़ती माँग और उत्पादन क्षेत्रों में गिरावट के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। हालाँकि इसके विपरीत कम निर्यात माँग के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। (शेयर मंथन, 22 अगस्त 2019)
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