एसएमसी के अनुसार बढ़ती त्योहारी माँग के कारण हल्दी वायदा (अक्टबूर) की कीमतें 6,000 रुपये के स्तर के करीब सहारे के साथ 6,400-6,500 रुपये तक वापसी कर सकती हैं।
हल्दी के खरीदारों के हाजिर बाजारों में सक्रिय होने की संभावना है, क्योंकि महाराष्ट्र कनार्टक और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में फसल खराब होने आरै तमिलनाडु में भी बावुाई कम होने की खबर है। आंध्र प्रदेश में डुग्गीराला बाजार में प्रतिदिन हल्दी की आपूर्ति औसतन 5,000-6,000 क्विटंल हो रही है। इरोद मंडी में नयी हल्दी की प्रतिदिन हल्दी की सप्लाई औसतन 3,000-4,000 क्विटंल हो रही है।
जीरा वायदा (अक्टबूर) की कीमतों को 17,100 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और कीमतों में 16,400 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। जीरे की आवक की मात्रा आरै गुणवत्ता में गिरावट आयी है, क्योंकि घरलेू माँग को देखते हुए सीजन अपने अंत की ओर है। इसके अलावा अक्टूबर से शुरू होने वाले नये सत्र से पहले और थोक खरीदारों की ओर से अधिक माँग से अभाव के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लग गयी। गुजरात के बेंचमार्क बाजार ऊँझा में एक्सचेंज-क्वालिटी जीरा 16,927 रुपये प्रति 100 किलाग्राम पर बेचा गया है।
धनिया वायदा (अक्टबूर) की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है और कीमतें 5,200-4,800 के सहारा स्तर तक लुढ़क सकती हैं। रूस आरै यूक्रेन से अधिक आयात की रिपोर्टों से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। हाजिर बाजार में धनिया की कीमत 6,175 रुपये प्रति 100 किलोग्राम है। अधिक आपूर्ति आरै सुस्त माँग के कारण कुल मिलाकर धनिया में नरमी का रूझान है।
इलायची वायदा (नवंबर) की कीमतें 2,520 के स्तर पर सहारे के साथ 3,000 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। त्योहारों के लिए माँग में वृद्धि और आपूर्ति की कमी के कारण तेजी का सेंटीमेंट है। इलायची की नयी फसल की आवक में पहले से ही देरी हो रही है, और अधिकतम आवक का मौसम नवंबर में ही शुरू होने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 30 सितंबर 2019)
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