कॉटन वायदा (अक्टूबर) कीमतें 17,900-18,100 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है।
यार्न मिलों की माँग के साथ ही कर्नाटक में कपास की आवक कम रही है, जिसके कारण कर्नाटक में कपास की कीमतें स्थिर थीं। व्यापारियों को अगले महीने अधिक आवक का अनुमान है, जिससे यार्न मिलों की ओर ये माँग बढ़ेगी। इससे कपास के मूल्य वृद्धि में मदद मिलेगी। यार्न मिलों की ओर से सीमित माँग और स्थिर आवक के बीच के बीच महाराष्ट्र में कपास की कीमतें इस सप्ताह तीसरे कारोबारी सत्रा में स्थिर बनी हुई हैं। व्यापारियों को अगले महीने कपास की आवक में वृद्धि का अनुमान है, जिसके कारण मिलें भारी खरीद से बच रही हैं।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,350-5,400 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है। इस साल देश में बम्पर खरीफ उत्पादन की खबरों और खरीफ दलहनी के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान, पिछले साल के 7.72 मिलियन टन के मुकाबले इस साल 9.31 मिलियन टन, के बावजूद इंदौर की मंडियों में अधिकांश दालों की कीमतों में तेजी देखी गयी है। यहाँ के व्यापारियों के अनुसार, लगातार बारिश के कारण मध्य प्रदेश में मूंग और उड़द की खड़ी फसलों को नुकसान के अलावा सरकार द्वारा एमएसपी में ताजा बढ़ोतरी ने भी दलहन की कीमतों में तेजी लाने में योगदान दिया है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 3,950-4,050 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 6,100-6,200 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। राजस्थान और हरियाणा में विभिन्न ग्वारसीड और ग्वारगम बाजारों में सुस्ती का रुझान है। हाजिर बाजार में कारोबारी सतर्क हैं, और अधिक दरों परन खरीदारी नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे आने वाले दिनों में आवक में तेजी आने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे, निर्यात माँग अभी भी ग्वारगम उत्पादकों के लिए एक चिंता का विषय है। दूसरी ओर, मौसम की स्थिति पैनी नजर रहेगी ग्वारगम की फसल को प्रगति के वर्तमान चरण में बारिश की आवश्यकता है। यदि राजस्थान और हरियाणा के ग्वारगम उत्पादक क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक उच्च तापमान और शुष्क जलवायु बनी रहती है, तो फसल और उत्पादकता प्रभावित होगी। (शेयर मंथन, 24 सितंबर 2020)
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