सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,240-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
बाजार का सेंटीमेंट इस बात को लेकर बेहतर हो गया है कि भारत से निर्यात होने वाला सोयाबीन एक बार फिर सस्ता हो गया है, जिससे पिछले साल की तुलना में निर्यात की संभावनाओं में सुधार हुआ है। एसओपीए के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, तेल वर्ष 2020-21 में सोयामील का निर्यात लगभग 14 लाख टन होने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6.46 लाख टन निर्यात हुआ था। अक्टूबर-नवंबर में निर्यात लगभग दोगुना 3.25 लाख टन (1.46 लाख टन के मुकाबले) से अधिक हो गया है। इसका मुख्य निर्यात स्थल बेल्जियम, फ्रांस और ईरान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, इस काउंटर में तेजी जारी है क्योंकि अमेरिका में पशु फीड निर्माताओं ने अपने मुख्य घटक के लिए भयंकर प्रतिस्पर्ध के कारण आपूर्ति को जमा करना शुरू कर दिया है, कुछ ने नदी के किनारों पर अस्थायी भंडारण की ओर रुख किया है।
आरएम सीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 5,300-5,200 रुपये के स्तर तक गिरावट जारी रह सकती है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने पहले के उस आदेश को वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें देश में सरसों के तेल में मिलावट पर रोक लगा दिया गया था। खाद्य तेल कंपनियों को 1 अक्टूबर से मिलावट वाले सरसों तेल की बिक्री और निर्माण को रोकने लगाने के आदेश से खाद्य तेल उद्योग की चिंताओं को बढ़ा दिया था। खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की माँग स्थिर रही है, और धीरे-धीरे होरेका क्षेत्र की ओर से माँग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। अन्य खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और निर्यात में बढ़ोतरी होने की उम्मीद से मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतें कल आठ वर्षो के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है।
बीएमडी में पॉम ऑयल फरवरी वायदा की कीमतें 1.2% बढ़कर 3,452 रिंगिट हो गयी है। यह देखते हुये, सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतों को 1,045 रुपये पर सहारा रह सकता है, जबकि सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों को 905 रुपये पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 15 दिसंबर 2020)
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