अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सकारात्मक संकेत लेते हुये राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतें अपने 6 साल के उच्चतम स्तर 4,567 रुपये से थोड़ा ही नीचे कारोबार कर रही है।
यह तेजी 4,580-4,620 रुपये तक बनी रहेगी क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सूखे मौसम के बाद सीबोट पर कारोबारियों ने लांग पोजिशन में बढ़ोतरी की है। अर्जेंटीना के तिलहन श्रमिकों और कृषि-निर्यात कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि वे दो सप्ताह से अधिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार की मध्यस्थता में अपने मतभेदों को पूरा करने के लिए बैठक करेंगे। अर्जेंटीना के मुख्य कृषि निर्यात केंद्र पराना नदी पर स्थित रोसारियो के सोया प्रसंस्करण कारखानों के कर्मचारियों ने 9 दिसंबर को नौकरी छोड़ दी। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान काम करने से होने वाली महँगाई और जोखिमों की भरपाई के लिए अधिक मजदूरी की माँग की है। वर्तमान समय में, यह तिलहन और खाद्य तेलों में तेजी का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, दो अन्य कारक हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है और वह है सबसे पहले मलेशिया से पॉम ऑयल के निर्यात के आँकड़ों के साथ भारत द्वारा सीपीओ के आयात की गति।
जनवरी 2021 में मलेशिया के कच्चे पॅाम तेल (सीपीओ) निर्यात पर 8% की उच्चतम दर से फिर से निर्यात शुल्क शुरू होने से इसकी माँग पर अंकुश लग सकता है। दूसरा, चीन द्वारा आयात की संभावनाओं में वृद्धि हुई है और प्रमुख उत्पादक इंडोनेशिया द्वारा अपने बायोडीजल योजना को जारी रखने की खबर है। यह देखते हुय़े, सोया वायदा (जनवरी) की कीमतों के 1,180-1,185 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है और सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें 980-985 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
आरएम सीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में तेजी का रुझान दिख रहा है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 5,850-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। राजस्थान और अन्य उत्पादक राज्यों के हाजिर बाजार में सरसों की कीमतों में तेजी जारी रही। स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर तेल समूह में मिले-जुले रुझान के बावजूद बहुत आक्रामक तरीके से तिलहन खरीद रहे है। (शेयर मंथन, 31 दिसंबर 2020)
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