हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों के 7,770-7,900 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है।
बाजार वर्ष 2021-22 की अवधि के लिए, अंतिम स्टॉक 0.62 लाख मीटिंक टन (बढ़ते निर्यात और घरेलू खपत के कारण) रहने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के 0.98 लाख मीटिंक टन से कम है, जिससे मौजूदा स्तर से कीमतों को मदद मिलने की संभावना है। तेलंगाना राज्य सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2020-21 में हल्दी का उत्पादन 2.73 लाख टन है, जिसकी उत्पादकता 6,654 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (2,693 किलोग्राम प्रति एकड़) है।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों के 13,700-13,800 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में, देश भर के अधिकांश राज्यों में कोविड-19 प्रतिबंधें में ढील के साथ मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाजिर बाजारों में आपूर्ति में भी गिरावट देखी जा रही है, क्योंकि कटाई का मौसम अपने अंतिम पड़ाव पर पहुँच गया है, जिससे कीमतों को भी समर्थन मिलने की संभावना है। बेंचमार्क बाजार ऊंझा में जीरा की कीमत 13,800-14,000 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के दायरे में स्थिर है। जीरे की आवक 12,000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) पर आंकी गयी है।
धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों में 6,600 रुपये के स्तर पर तक गिरावट देखने को मिल सकती है, और 6,800 रुपये के पास रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। हाजिर बाजार की सेंटीमेंट कमजोर है क्योंकि माँग नहीं बढ़ रही है तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सहित अधिकांश प्रमुख राज्यों में अभी भी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगा हुआ हैं। यहाँ तक कि गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी खरीद निचले स्तर पर है। माँग के आंकलन के आधार पर मसाला मिलों की ओर से सीमित खरीद हो रही हैं। रामगंज मंडी, कोटा और जयपुर में भी आवक प्रभावित हुई है। कीमतों में लगातार गिरावट के कारण किसान अपनी उपज मंडियों में लाने के इच्छुक नहीं हैं। निर्यातकों के लिए स्टॉकिस्टों के पास ईगल और बादामी धनिया का स्टॉक है। (शेयर मंथन, 14 जून 2021)
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