उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 4.6% की गिरावट हुई है। कीमतें 5,775 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,550-5,800 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
हमने पिछले सप्ताह से कीमतों में 5% की गिरावट हुई है क्योंकि नये सीजन में सोयाबीन मंडियों में पहुँचना शुरू हो गया है और थोक खरीदार आवक दबाव बढ़ने से पहले आक्रामक खरीद के लिए सतर्क हैं। आनुवंशिक रूप से संशोधित सोयामील का आयात और कच्चे और रिफाइंड सोया तेल के आयात शुल्क में कमी को भी कीमतों में गिरावट के मुख्य कारणों के रूप में देखा जा रहा है। भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 8.9 मिलियन टन की तुलना में 10 मिलियन टन होने का अनुमान है।
आरएम सीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 0.6% की गिरावट हुई है। अब कीमतें 8,460 रुपये पर रुकावट के साथ 8,250-8,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। देशभर में सरसों की आवक बढ़ गयी है। कारोबारियों के मुताबिक मंडियों में सोयाबीन की नयी आवक शुरू होने से पेराई संयंत्रों की खरीद धीमी हो गयी है। दूसरी ओर शुल्क में कमी से खाद्य तेल के आयात में वृद्धि हुई है जिससे सरसों पर भी दबाव पड़ा है। लेकिन सरसों का स्टॉक काफी कम होने से कीमतों को 8,100 रुपये के स्तर से ऊपर समर्थन मिल सकता है। कल खाद्य तेल की कीमतों में तेजी का कारोबार हुआ। शुल्क वैल्यू में बढ़ोतरी और त्योहारी माँग में वृद्धि से कीमतों को समर्थन मिल रहा है। सीबोट में सोया तेल की कीमतों में तेजी और सितंबर में खाद्य तेल के निर्यात में 33 फीसदी की बढ़ोतरी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बढ़ोतरी हुई है।
सोया तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,320 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,350 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,130 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,150 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 01 अक्टूबर 2021)
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