उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 1.6% की गिरावट हुई।
अब कीमतें 5,290 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 5,270-5,460 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। थोक व्यापारी और तेल मिलें कम कीमतों पर अधिकतम आवक अवधि के दौरान सोयाबीन की खरीद करना चाह रही हैं बेमौसम बारिश के कारण इस सीजन में आवक बाधित हुई है और नये सीजन सोयाबीन की गुणवत्ता खराब होने की संभावना है। नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह के आसपास सोयाबीन की आवक अधिकतम होने की संभावना है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में, अमेरिकी उत्पादन पिछले महीने के 119 मिलियन टन से 1.79% बढ़कर 121 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। सोपा के अनुसार, भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 104 लाख टन की तुलना में 118.9 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले सप्ताह खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के बाद कल बढ़त दर्ज की गयी। एसईए द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, भारत ने इस साल सितंबर में रिकॉर्ड करीब 17 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात दर्ज किया है। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 66% अधिक है। एक अन्य घटनाक्रम के तहत, सरकार ने 2 मार्च, 2022 तक कच्चे और रिफाइंड पॉम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल दोनों पर मूल सीमा शुल्क घटा दिया। लेकिन खाद्य तेलों पर उच्च शुल्क मूल्य से आयात शुल्क में कटौती का लाभ कम मिलेगा और कीमतों की तेजी को मदद मिलती रहेगी और माँग पॉम तेल से सॉफ्ट तेलों की ओर स्थानांतरित हो सकती है क्योंकि कम शुल्क के कारण सॉफ्ट तेल अधिक आकर्षक हैं।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (नवंबर) की कीमतों के 1,200-1,270 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,108 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,130 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 अक्टूबर 2021)
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