हल्दी वायदा (दिसम्बर) की कीमतों में 7,500-7,700 रुपये तक तेजी रहने की उम्मीद है।
उम्मीद से कम उत्पादन और आने वाले महीनों में निर्यात माँग में तेजी की संभावना से कीमतों को मदद मिल सकती है। मौसमी चार्ट के अनुसार, अगले दो महीनों के दौरान हल्दी के नये सीजन की आवक के कारण हल्दी की कीमतों में बहुत कम उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार हो सकता है।
जीरा की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है क्योंकि निर्यात लगातार बढ़ रहा है और बाजार के सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान और सीरिया जैसे उत्पादक देशों से कम आपूर्ति के कारण आने वाले महीनों में निर्यात में अधिक वृद्धि होगी। हम उम्मीद करते हैं कि जीरा (दिसंबर) की कीमतें 15,200 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 16,100 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती है। कारोबारियों के अनुसार अच्छी माँग और अधिक स्टॉक के कारण बाजार का फंडामेंटल संतुलित है। कीमतों के मौसमी चार्ट के अनुसार, नवंबर-दिसंबर के दौरान स्टॉक की ऑफ-लोडिंग के कारण जीरा की कीमतों में गिरावट होती हैं क्योंकि गुजरात के मुख्य उत्पादक राज्यों में जीरा की बुवाई शुरू हो रही है। इस साल हमने गुजरात में जीरा बुवाई के मौसम की धीमी शुरुआत देखी है जिससे कीमतों को समर्थन मिलेगा। लगातार
माँग और हाजिर बाजार में उम्मीद से कम आवक के कारण धनिया वायदा की कीमतें अक्टूबर में 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। मौसमी चार्ट के अनुसार, माँग और आपूर्ति में संतुलन के कारण आने वाले हफ्तों में कीमतें मौजूदा स्तरों पर स्थिर रह सकती हैं। धनिया (दिसम्बर) कॉन्टैंक्ट की कीमतों के 7,700-8,600 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 10 नवंबर 2021)
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