कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह गिरावट हुई है। अब कीमतें नरमी के रुझान के साथ 31,000-33,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
बाजारों में कपास की आवक बढ़ने लगी है। उत्पादन में संभावित गिरावट की आशंका के चलते नयी फसल की आवक के समय बाजारों में कपास की कीमतें अधिक हैं। वैश्विक स्तर पर कपास का शेष बचा स्टॉक भी कम है, जबकि चीन की ओर से आयात माँग अधिक बनी हुई है। सीसीआई ने भी इसी महीने अपने बिक्री मूल्य में 5,500 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की। 2021-22 में सीएआई ने कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 7 लाख गांठ बढ़ाकर 360.13 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।
मुनाफा वसूली और नये सीजन की आवक से ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 6,800 पर बाधा के साथ 5,800 रुपये तक कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन अनुमान, स्टॉक के कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँचने और अच्छी निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% से अधिक हैं। नये सीजन में हाजिर बाजार में ग्वारसीड की आवक घटी है क्योंकि पिछले सप्ताह कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान में इस सीजन में ग्वार का रकबा 21 लाख हेक्टेयर रह गया था, जो एक दशक में सबसे कम रकबा था। अमेरिकी कच्चे तेल के रिगों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले हफ्तों में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें पिछले सप्ताह सपाट बंद हुई है लेकिन कीमतें 2 सप्ताह के निचले स्तर से अच्छी तरह से रिकवर हुई है। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि कीमतें 6,650 रुपये पर बाधा के साथ 6,300 रुपये तक गिरावट होगी। गुजरात में अधिक क्षेत्र के कारण, आने वाले सीजन में अधिक उत्पादन की उम्मीद है। लेकिन अरंडी के तेल और मील के लिए पूरे वर्ष लगातार निर्यात माँग से कीमतें उच्च स्तर पर रह सकती हैं क्योंकि तेल-मिलों के पास स्टॉक कम है। कैस्टर मील का निर्यात सितंबर में साल-दर-साल 23% कम हुआ, जबकि कैस्टर ऑयल का निर्यात साल-दर-साल 25% कम हुआ। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2021)
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