माँग में बढ़ोतरी होने के कारण कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल मामूली बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतें 31,690 रुपये के स्तर को पार करती है तो 32,000 रुपये स्तर तक पहुँच सकती है। बाजारों में कपास की आवक सामान्य से कम है और मिलों के पास स्टॉक भी कम है। उत्पादन पर चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55% अधिक हैं। सीएआई के अनुसार, अक्टूबर 2021 में भारतीय कपास की आवक 31.12 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कपास की आवक 27.16 लाख गांठ थी।
तीन महीने के निचले स्तर पर खरीदारी के कारण ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतें कल 4.3% की उछाल दर्ज की गयी। नवंबर में, नये सीजन की आवक के कारण कीमतों में लगभग 17% की गिरावट हुई है, अब कीमतों में 5,720 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,100 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। लेकिन कम उत्पादन, कई वर्षो में सबसे कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की उम्मीद पर अभी भी कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
मुनाफा वसूली के कारण कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल सपाट बंद हुई है। कीमतें 6,400 रुपये के स्तर पर सहारा और 6,550 रुपये के स्तर बाधा के साथ एक दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कोरोना की तीसरी लहर की अनिश्चितताओं के कारण व्यापारियों की ओर से माँग कम है। कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबे के कारण अरंडी का उत्पादन 15.98 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होगा। इसके अलावा, पूरे साल अरंडी के तेल की लगातार निर्यात माँग रही है जिससे तेल की कीमतें उच्च स्तर पर बनी हुई है जबकि तेल-मिलों के पास स्टॉक कम है। (शेयर मंथन, 08 दिसंबर 2021)
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