कल कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल 0.8% की बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतों के 36,330-37,460 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए ये कपास की अधिक माँग के कारण कमान समय में काम को कोम पर अधिक से जबकि पिछले एक महीने में 9.75% बढ़ी है। सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख घटकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 उत्पादन का था जबकि खपत में 10 लाख बेल की हुई एमटीए ने अपनी क रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटकर 12.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि निर्यातक अमेरिका में काम के उत्पादन में 3.61% कीती करके 17.6 मिलियन कर दिया गया है।
ग्वारसीड (फरवरी) की कीमतों में 0.8% की बढ़त हुई है। कीमतों के 6,350-6,550 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में कम उत्पादन कई वर्षों में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष दर वर्ष 63.5% अधिक है। नवम्बर में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 33% बढ़कर 24.150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में 44.4% बढ़कर 2.09 लाख रन हो गया।
कैस्टरसीड (फरवरी) की कीमतों में कल लगातार चौथे दिन के साथ बंद हुई है और अब कीमतें 6,400-6,550 रुपये के परे में कारोबार कर सकती है 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-रात गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी का निर्यात कम हुआ है। सितंबर के साल 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-नवंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 32% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2022)
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