कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है, लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफावसूली से इंकार नही किया जा सकता है।
कुल मिला कर कच्चे तेल की कीमतें 3,650-3,765 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। ओपेके द्वारा तेल उत्पादन में कटौती रहने की संभावना, चीन की ओर से कच्चे तेल के आयात में बढ़ोतरी होने की खबरों, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर और यमन को लेकर ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव के कारण तेल की कीमतों को मदद मिली है। लेकिन अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार और तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार 3 नवंबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन 67,000 बैरल बढ़ कर 9.62 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया है जो एक दशक में सबसे अधिक उत्पादन है। सऊदी अरब ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने को कहा है जहाँ ईरान से उसका छद्म युद्ध जारी है सऊदी अरब के राजकुमार पर कार्रवाई के बाद अस्थिरता की आशंका से तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है और 204-210 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। नवंबर से मार्च के बीच अमेरिका में घरों को गर्म रखने के लिए गैस की सबसे अधिक माँग होने की संभावना से कीमतों को मदद मिल सकती है। ईआईए के अनुसार वर्तमान समय में नेचुरल गैस का कुल भंडार 3.775 ट्रिलियन क्यूबिक फीट है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 180 बिलियन क्यूबिक फीट या लगभग 4.5% कम है और पिछले पांच वर्ष के औसत स्तर से 41% बिलियन क्यूबिक फीट या लगभग 1.1% कम है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2017)