कच्चे तेल की कीमतों में निचले स्तर से उछाल दर्ज किये जाने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,750 रुपये पर सहारे के साथ 3,860 रुपये स्तर पर पहुँच सकती है। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के बीच ब्रेक्जिट के लिए करार हो जाने की संभावना और ओपेक एवं सहयोगी देशों द्वारा आपूर्ति में अधिक कटौती करने की संभावना से अमेरिकी कच्चा तेल की कीमतों में बढ़त देखी जा रही है।
ओपेक के महासचिव मोहम्मद बार्किंडो ने कहा है कि ओपेक और सहयोगी देश 2020 के बाद भी तेल बाजार में संतुलन के लिए जो भी संभव होगा, करेंगे। लेकिन अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में बढ़ोतरी की संभावना से कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद के कारण 2019 में वैश्विक वृद्धि धीमी रहने की आशंका से भी कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।
नेचुरल गैस वायदा में निचले स्तर पर शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) हो सकती है और कीमतों में 163 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 170 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। अक्टूबर और नवंबर में अमेरिका में ठंडे मौसम के अनुमान के बाद माँग में बढ़ोतरी के कारण अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में एक हफ्ते के उच्च स्तर पर बढ़ोतरी हुई। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2019)