कच्चे तेल की कीमतों में निचले स्तर से उछाल दर्ज किये जाने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,780 रुपये पर सहारे के साथ 3,870 रुपये स्तर पर पहुँच सकती है। जानकारों के अनुसार तेल के सबसे अधिक खपत वाले देश चीन की तिमाही आर्थिक वृद्धि के लगभग तीन दशकों में सबसे कम रहने के अनुमान के कारण आज तेल की कीमतें स्थिर हैं। ईआईए के अनुसार 11 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 93 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि जानकारों का अनुमान 29 लाख बैरल की बढ़ोतरी का था।
ओपेक के अनुसार पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस सहित भागीदारों के बीच उत्पादन में कटौती के लिए वैश्विक सौदे की निगरानी करने वाली संयुक्त तकनीकी समिति ने पाया कि सितंबर में कटौती का अनुपालन 236% था। ओपेक और उसके सहयोगी मार्च 2020 तक अपने तेल उत्पादन को 12 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तक सीमित करने पर सहमत हुए हैं।
नेचुरल गैस वायदा में निचले स्तर खरीदारी किये जाने की संभावना है और कीमतों में 162 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 167 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती हैं। (शेयर मंथन, 18 अक्टूबर 2019)