तेल की कीमतों में 2,780-3,200 रुपये की एक बड़े दायरे में फंस गयी है जहाँ उच्च स्तर पर बिकवाली देखी जा सकती है क्योंकि निवेशकों को चिंता है कि अमेरिकी कांग्रेस एक स्टीमलुस पकैजे पर सहमत नहीं हो सकती।
जबकि विश्लेषक ऊर्जा की माँग में कटौती के लिए तैयार हैं क्योंकि कोरोना वायरस के मामलों में अधिक वृद्धि हो रही है। प्रमुख करेंसियों के मुकाबले अमेरिकी डॉलर सितम्बर 2018 के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर कारोबार कर रही है। कमजोर डॉलर के कारण आमतौर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती है क्योंकि ये कमोडिटी लिए सस्ता हो जाती है। लेकिन अमेरिकी बेरोजगारों की संख्या और कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि का कारण तेल की कीमतों और शेयर बाजारों परदबाव पड़ा। अमेरिका सीनेट में रिपब्लिकनों ने अगले कोरोना वायरस राहत बिल में अमेरिकियों को सीधे भुगतान के एक और दौर का प्रस्ताव देने की योजना बनाई है। लेकिन इस बीच डेमोक्रेटिक नेताओं ने बिल पारित करने के विचार को खारिज कर दिया। अमेरिका में कोरना वायरस के मामलों में औसतन हर घंटे 2,600 से अधिक नये मामलों की वृद्धि-दुनिया में उच्चतम दर-के साथ चार मिलियन हो गयी है। बाजार की अनिश्चितता के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका-चीन के संबंध खराब हो गये क्योंकि वाशिंगटन ने जासूसी करने के आरोप के बाद ह्यस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने के लिए 72 घंटे का समय दिया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से संबंधों के गंभीर रूप से नुकसान हो रहा है और चीन को जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस हफ्ते के लिए कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है और कीमतों को 3,320 रुपये स्तर पर अड़चन के साथ 2,720 रुपये के सहारा रह सकती है। मेक्सिको की खाड़ी में बढ़ते तूफान और अगस्त की शुरुआत में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिक गर्मी के अनुमान के बाद वातनुकूलन के लिए माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना से नेचुरल गैस की कीमतों में पिछले हफ्ते 6% से अधिक की वृद्धि हुई है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 122-148 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 27 जुलाई 2020)