हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,900-9,000 रुपये के बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,890-7,190 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300-6,250 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,570-6,700 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,250-6,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 7,650 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 7,250-7,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!