हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में 6,750-6,820 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में हल्दी की आवक बढ़ी है जबकि बिक्री 70% से अधिक हुई है। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,703-8,177 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की कीमतें 5,099-7,125 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों में 20,280 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रूझान रहने की संभावना है। गुजरात और राजस्थान की प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण जीरे की बुआई के प्रभावित होने की संभावना है। किसान तापामन में कमी होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान समय में मिट्टी में नमी की मात्रा काफी कम है। मिट्टी में नमी की मात्रा कम होने के बीजों का अंकुरना प्रभावित होता है। घरेलू माँग बेहतर है और चीन, बांग्लदेश, और सिंगापुर से भारतीय जीरे की माँग लगातार बढ़ रही है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतें 5,750 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 6,300-6,400 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण राजस्थान और गुजरात के प्रमुख बाजारों में हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। मध्य प्रदेश के बाजारों में भी धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बाजारों में धनिया की आवक अच्छी है, लेकिन लगातार माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 02 नवंबर 2018)
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों में 20,280 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रूझान रहने की संभावना है। गुजरात और राजस्थान की प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के कारण जीरे की बुआई के प्रभावित होने की संभावना है। किसान तापामन में कमी होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि वर्तमान समय में मिट्टी में नमी की मात्रा काफी कम है। मिट्टी में नमी की मात्रा कम होने के बीजों का अंकुरना प्रभावित होता है। घरेलू माँग बेहतर है और चीन, बांग्लदेश, और सिंगापुर से भारतीय जीरे की माँग लगातार बढ़ रही है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतें 5,750 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 6,300-6,400 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण राजस्थान और गुजरात के प्रमुख बाजारों में हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। मध्य प्रदेश के बाजारों में भी धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बाजारों में धनिया की आवक अच्छी है, लेकिन लगातार माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 02 नवंबर 2018)
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