हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,250-6,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में हल्दी की आवक लगातार हो रही है। पिछले दो दिनों से आवक 5,000 बैग तक अधिक हो गयी है। कारोबारियों ने नये ऑर्डर को पूरा करने के लिए खरीदारी करना शुरू कर दिया है। कारोबारी निजामाबाद बाजार से भी हल्दी की थोड़ी बहुत खरीदारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 17,200-17,300 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। निर्यात माँग के अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही है। भारत से जीरे के निर्यात के लिए मार्च और अप्रैल का समय काफी अहम होता है। वर्तमान समय में तुर्की और सीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। विदेशी बाजार में इन दोनों देशों की जीरे की अधिक कीमतों के कारण भारतीय जीरा बेहतर विकल्प हो गया है।
पिछले दो हफ्ते धनिया वायदा (मई) की कीमतें 7,050-7,250 रुपये के दायरे में कारोबार कर रही हैं। इसमें उच्च स्तर पर बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है, जबकि कीमतों की गिरावट की स्थिति में खरीदारी की जा सकती है। कुल मिलाकर इस वर्ष कम आपूर्ति और कम उत्पादन अनुमान के कारण कीमतों में तेजी का रूझान रह सकता है और कीमतों को 7,000 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
इलायची वायदा (मई) की कीमतों को 1,625 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। कम आपूर्ति और उत्पादन में कमी के कारण बोदीनयाकनूर में औसत कीमतें 1,752 रुपये किलो ग्राम की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गयी हैं। (शेयर मंथन, 24 अप्रैल 2019)
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