नीति आयोग के सदस्य वी के सारश्वत ने कॉपर सेक्टर के लिए पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) की वकालत की है।
नीति आयोग के सदस्य वी के सारश्वत ने कॉपर सेक्टर के लिए पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) की वकालत की है। वी के सारश्वत के मुताबिक भारत को निर्यात हब बनने के लिए प्राइमरी कॉपर का उत्पादन काफी महत्वपूर्ण है। फिक्की की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वी के सारश्वत ने कहा कि भारत कॉपर के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है। मौजूदा माहौल में कॉपर का उत्पादन बढ़ाने के लिए रिसाइक्लिंग रणनीति से दूर नहीं रहना चाहिए।
वी के सारश्वत के मुताबिक प्राइमरी कॉपर का उत्पादन भारत को निर्यात का केंद्र बनने के लिए काफी अहम है। हमें कॉपर के वैल्यु एडेड प्रोडक्ट्स यानी मूल्य वर्धित वस्तु बनाने पर फोकस करना चाहिए। सारश्वत के मुताबिक ऐसे उत्पादों का बनाना तभी संभव होगा जब कॉपर सेक्टर के लिए सरकार पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (PLI) ले आएगी।
सारश्वत के मुताबिक पीएलआई (PLI) योजना को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए ताकि उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनियों को छूट दिया जा सके। साथ ही चुनिंदा सेक्टर्स में कुछ खास कंपनियों को दिया जाना चाहिए जो इसके लिए योगय हैं। इस योजना में शामिल होने वाले कंपनियों को तकनीक, इकाई, मशीनरी और अनुसंधान एंव विकास में निवेश की जरुरत है।
इस पीएलआई योजना की खासियत यह है कि निवेश को आकर्षित करने के लिए इस लक्ष्य को तय कर लागू किए जाने की जरूरत है। साथ ही रणनीतिक तरीके से वैश्विक वैल्यु चेन के चुनिंदा सेगमेंट में प्रवेश करने पर फोकस किया जाना चाहिए। भारत को कॉपर रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में इंटीग्रेशन करने की जरुरत है। इसके अलावा स्क्रैप स्टैंडर्ड की दिशा में भी काम किए जाने की जरूरत है। सरकार फिलहाल स्क्रैप स्टैंडर्ड (मानक) तय करने की दिशा में काम कर रही है और इस समस्या के निदान के लिए सामूहिक तौर पर काम कर रही है।
(शेयर मंथन 04 जून, 2022)
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