सोमवार को पूरे बाजार में रौनक नजर आयी और निफ्टी 50 ने एक बार फिर 25,000 का आँकड़ा पार कर लिया। मगर टाटा समूह (Tata Group) की रिटेल कंपनी ट्रेंट (Trent) और सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) के शेयरों में इससे जुड़ी एक खबर को लेकर तेजी देखने को मिली।
दरअसल, इन दोनों शेयरों को निफ्टी 50 सूचकांक (इंडेक्स) में शामिल करने का फैसला किया गया है। दूसरी ओर, डिविज लेबोरेट्रीज और एलटीआई माइंडट्री (LTIMindtree) को 50 शेयरों के इस सूचकांक से बाहर किया जायेगा। डिविज लेबोरेट्रीज को 2020 में निफ्टी 50 में शामिल किया गया था, और एलटीआई माइंडट्री को पिछले साल इसमें जगह मिली थी।
एनएसई के परिपत्र (सर्कुलर) में कहा गया है, "ट्रेंट और बीईएल को निफ्टी 50 सूचकांक में शामिल किया गया है, क्योंकि इन कंपनियों का छह महीने की औसत फ्री-फ्लोट बाजार पूँजी (मार्केटकैप) डिविज लेबोरेट्रीज और एलटीआई माइंडट्री के छह महीने की औसत फ्री-फ्लोट बाजार पूँजी का कम-से-कम 1.5 गुना है।” इस सर्कुलर के अनुसार इंडेक्स में ये बदलाव 30 सितंबर 2024 से प्रभावी होंगे।
आज के कारोबार में ट्रेंट का शेयर 7,097.95 रुपये के ऊपरी स्तर तक पहुँचा था, जहाँ यह पिछले दिन से 149.20 रुपये की तेजी दिखा रहा था। यह इसका बीते 52 हफ्तों का नया शिखर भी बन गया है। हालाँकि, शुरुआती उछाल के बाद अंत में यह 18.75 रुपये फिसल कर 6930.00 रुपये पर बंद हुआ।
वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) का शेयर 0.60 रुपये की बढ़त के साथ 306.60 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। हालाँकि इससे पहले यह आज सुबह एक बड़ी बढ़त के साथ ही खुला और खुलते ही 308.90 रुपये तक चढ़ गया। बाद में इसके भाव कुछ नरम पड़ गये।
पिछले एक साल में क्या रहा ट्रेंट और बीईएल का हाल
ट्रेंट के शेयर ने पिछले 1 साल में करीब 244% की उछाल भरी है, जबकि वर्ष 2024 में अब तक (YTD) की बात करें तो इस कंपनी का शेयर 127% मजूबत हुआ है। ट्रेंट की बाजार पूँजी (मार्केटकैप) 2.46 लाख करोड़ रुपये है।
वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर में पिछले एक साल में 130% का इजाफा दर्ज किया गया है और साल 2024 में अब तक इस कंपनी के शेयर ने 66% की तेजी दर्ज करायी है। इस कंपनी की बाजार पूँजी 2.24 लाख करोड़ रुपये है।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के मुताबिक ट्रेंट और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को निफ्टी 50 में शामिल किये जाने से ट्रेंट को 64.7 करोड़ डॉलर और बीईएल को 46.3 करोड़ डॉलर तक का निवेश प्रवाह (इनफ्लो) मिल सकता है। (शेयर मंथन, 26 अगस्त 2024)
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