कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 905-920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। स्थानीय स्तर पर थोड़ा खरीदारी के कारण महाराष्ट्र और राजस्थान में कपास की हाजिर कीमतों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
लेकिन निकट भविष्य कर जरुरतों के लिए काफी कम खरीदारी हो रही है। जबकि भारत सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के आदेश के बाद निर्यात माँग भी कम हो गयी है। मेंथा ऑयल वायदा (नबंवर) की कीमतों में 1,600-1,580 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। मेंथा ऑयल के सभी मौजूदा कॉन्ट्रैक्टों की खरीद पर 13 नवंबर से कुल विशेष मार्जिन 20% लगा दिया गया है। चना वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 4,750 के स्तर पर सपोर्ट रहने की संभावना है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने सभी दालों के निर्यात पर से प्रतिबंध को हटा लिया है। लिया है। कैबिनेट कमिटी ने खाद्य सचिव को दलों के आयात-निर्यात और आयात शुल्क की समीक्षा भी करने को कहा है। कॉटन ऑयल केक वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 1,580 के स्तर पर रेजिस्टेंस रहने की संभावना है। अधिक सप्लाई के बीच पशु आहार निर्माताओं की ओर से कॉटन ऑयल सीड केक की कमजोर माँग के कारण गुजरात के बेंचमार्क कड़ी बाजार में कॉनट ऑयल सीड केक की कीमतें 15 रुपये की गिरावट के साथ 1,520 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम स्तर पर लुढ़क गयी है। अधिकांश पशु आहार निर्माताओं को उम्मीद है कि आगामी दिनों में बाजारों में कपास की सप्लाई बढ़ने के साथ ही कॉटन सीड की सप्लाई बढ़ेगी। इसीलिए वे केक की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2017)
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