हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों का रुझान कमजोर हो गया है और आगामी दिनो में कीमतों में 7,400-7,350 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
खरीदार केवल तत्काल जरूरतों के लिए खरीदारी कर रहे हैं और कमजोर रुझानों को देखते हुए थोक खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। हाजिर बाजारों में अधिक नमी के साथ नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है लेकिन अभी काफी कम आवक हो रही है। दूसरी ओर निर्यात माँग भी बहुत अच्छी नही है। बांग्लादेश, मिस्र, सऊदी अरब, मोरक्को, ईरान, इराक और कई अन्य देशों की ओर से कमजोर माँग के कारण निर्यात कम हो रहा है। जीरा वायदा (जनवरी) की कीमतें पिछले 6 हफ्ते से गिरावट के साथ बंद हो रही है और कीमतें 21,400 रुपये के स्तर से नीचे रह सकती है। कम आवक के बावजूद स्थानीय और घरेलू खरीदारों की ओर से कम खरीदारी
के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। इसके अतिरिक्त उत्पादन क्षेत्रों में जीरे की बुआई लगभग पूरी हो गयी है और बेहतर मुनाफे की उम्मीद से किसानों द्वारा अधिक क्षेत्र में जीरे की बुआई की गयी है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 5,200-5,150 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। सुस्त कारोबार के कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश के हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतो में लगातार गिरावट हो रही है। हाजिर बाजारों में धनिया की पर्याप्त उपलब्धता के कारण कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। बाजार सूत्रों के अनुसार धनिया का कैरी ओवर स्टॉक लगभग लगभग 60-65 लाख बैग रहने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त कृषि मंत्रालय द्वारा 2 जनवरी 2018 को जारी प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार धनिया का उत्पादन पिछले वर्ष के 8.83 लाख टन की तुलना में 2017-18 में 8.88 लाख टन होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 08 जनवरी 2018)
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