नरमी का रुझान के साथ हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों को 7,350 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के खत्म होने के कारण इरोद के हाजिर बाजारों में हल्दी की अधिक आवक हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 6,850-8,211 रुपये क्विंटल और रूट वेरायटी की कीमतें 6,505-7,589 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
उधर जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतें 19,900 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी दर्ज कर सकती हैं। जीरे के अन्य उत्पादक देशों में कम उपलब्धता के बाद लगातार निर्यात माँग के कारण पिछले कुछ दिनों से जीरे की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। रुपये के कमजोरी का लाभ उठाते हुए चीन, बांग्लादेश, दुबई और ताइवान द्वारा अधिक आयात किया जा रहा है। रुपये के कमजोर होने से इन देशों के लिए आयात सस्ता हो गया है। इसलिए जब तक रुपये में कमजोरी बनी रहती है, तब तक निर्यात माँग बरकरार रह सकती है। इसके अलावा तुर्की और सीरिया में बारिश से जीरे की फसल को नुकसान हुआ है, जिसके कारण वे विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति करने में सक्षम नही हैं।
इसके अलावा धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,000-5,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आवक में कमी और बेहतर निर्यात माँग के कारण देश के प्रमुख हाजिर बाजारो में धनिया की कीमतों में तेजी का रुझान है। इसके साथ ही मसाला कम्पनियों द्वारा अच्छी क्वालिटी के धनिया की खरीदारी की जा रही हैं। बिकवाली कम होने से भी कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2018)
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