कॉटन वायदा (अक्टूबर) कीमतों के 22,200-22,400 रुपये के दायरे में नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
छिट-पुट खरीदारी और बिकवाली के कारण सेंट्रल और दक्षिण भारत में कपास की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। वर्तमान समय में बाजारों में आपूर्ति और माँग दोनों ही कम है, इसलिए मिलें अभी इंतजार कर रही हैं। लेकिन कपास की नयी फसल की आवक में तेजी आने के साथ ही वे खरीदारी शुरू कर सकती हैं। दूसरी ओर चीन एवं अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के कारण भारत से कपास के निर्यात में बढ़ोतरी की संभावना है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,230-4,305 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। नयी फसल की आवक से पहले निर्यात माँग कम होने के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड समूह की कीमतों में स्थिरता है। पहले बोयी गयी फसल की आवक बाजार में होने लगी है, जबकि आवक में तेजी 15 अक्टूबर के बाद ही होने की संभावना है। राजस्थान कृषि विभाग के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार राज्य में ग्वारसीड का उत्पादन पिछले वर्ष के 12.44 लाख टन की तुलना में 43% की बढ़ोतरी के साथ 17.78 लाख टन होने का अनुमान है।
चना वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,945-3,995 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सरकार द्वारा सभी वेराइटी की दालों के आयात पर दिसंबर तक रोक लगाये जाने की संभावना है, ताकि घरेलू बाजारों में चना की कीमतों को मदद मिल सके। जुलाई में सरकार ने 1,00,000 टन मटर के आयात की सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया था। (शेयर मंथन, 27 सितंबर 218)
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