हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
यदि कीमतें 6,500 रुपये से नीचे टूटती है, तो 6,450-6,400 रुपये तक लुढ़क सकती है। मौजूदा सीजन में अधिक उत्पादन अनुमान और लगभग 20-21 लाख बैग के कारण हल्दी की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। आंध्र प्रदेश में बुआई समाप्त हो गयी है और पिछले वर्ष की तुलना में 26% बढ़ कर 18,737 हेक्टेयर में बुआई हुई है। तेलंगना में हल्दी की बुआई पिछले वर्ष के 44,956 हेक्टेयर की तुलना में 47,888 हेक्टेयर में हुई है। कुल मिलाकर बाजार वर्ष 2018-19 में हल्दी का उत्पादन 2017-18 के 5,60,177 टन की तुलना में 4,85,719 टन होने का अनुमान है।
जीरा वायदा (जनवरी) की कीमतों के साप्ताहिक सहारा स्तर 18,660 रुपये से नीचे टूटने और 18,600-18,500 रुपये तक गिरावट दर्ज करने की संभावना है। खरीदार नयी फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं और फिलहाल खरीदारी कम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त मौजूदा सीजन में जीरे की बुआई जारी है, जो दिसंबर के अंत तक होगी और नयी फसल की आवक फरवरी के अंत में शुरू होगी। गुजरात में जीरे की बुआई पिछड़ रही है, लेकिन गुजरात सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए बांधों से पानी उपलब्ध कराये जाने के बाद किसानों को उम्मीद है कि जीरे की बुआई तेज हो जायेगी। कीमतों की प्रत्येक बढ़ोतरी के बाद स्टॉकिस्ट पुराने स्टॉक की बिक्री कर रहे हैं, क्योंकि उन्हे उम्मीद है कि पिछले सीजन की तुलना में इस सीजन में जीरे का उत्पादन अधिक हो सकता है। पूरे देश में लगभग 10-12 लाख बैग जीरे का स्टॉक है।
धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतों में 6,365-6,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है और 6,630 रुपये के स्तर पर रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष धनिया का उत्पादन कम होने की संभावना है, लेकिन कम उत्पादन अनुमान का असर पहले ही समाप्त हो गया है। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)
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