हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,565 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त दर्ज की जा सकती है।
आवक में बढ़ोतरी के बावजूद इरोद के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को 7,000 बैग हल्दी की आवक हुई है, जिसमें से कारोबारियों ने 65% की खरीदारी की। इस कारण फिंगर वेराइटी की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई, जबकि रूट वेराइटी की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 16,800-17,000 रुपये के दायरे में बरकरार रहने की संभावना है। वर्तमान समय में निर्यात माँग काफी कम है और आगामी फसल के बेहतर होने की संभावना से कीमतों में गिरावट की उम्मीद से घरेलू खरीदारी भी आवश्यकतानुसार ही हो रही है। गुजरात में जीरे की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और पाँच वर्षों के औसत बुआई क्षेत्र 3.18 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.21 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,600 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। मौजूदा सीजन में उत्पादन में कमी की आशंका से राजस्थान के कारोबारी बाजार में उपलब्ध धनिया की ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे हैं। वर्तमान समय में उत्पादन क्षेत्रों में कम तापमान के कारण फसल के नुकसान होने और उत्पादकता कम होने की आशंका बढ़ गयी है। मौजूदा स्थिति में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फसल को कितना नुकसान हो रहा है, लेकिन फसल की क्वालिटी के बुरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है और इस प्रकार धनिया की कीमतों में तेजी का रुझान बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 10 जनवरी 2019)
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