अंतरराष्ट्रीय कपास की कीमतों के 3 साल के निचले स्तर 57.26 सेंट प्रति पाउंड के करीब कारोबार के रुख घरेलू बाजार में कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों में भी 19,500 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है।
चीन द्वारा अमेरिकी कॉटन की माँग ट्रम्प के उस बयान के बाद घटती दिखायी दे रही है, जिसके अनुसार 1 सितंबर से चीन से आयातित 300 अरब डॉलर के माल और उत्पादों पर 10% का अतिरिक्त शुल्क शुरू हो जायेगा।
घरेलू स्तर पर मानसून में देरी और कॉटनसीड की अधिक कीमतों के कारण मध्य भारत में कपास का बुआई क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में 5% अधिक है। यद्यपि निर्यात की संभावनाएँ कम हो गयी हैं, लेकिन आयात में स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है क्योंकि घरेलू आपूर्ति के मुकाबले आयातित कपास की कीमत अधिक हो गयी है। इसके अतिरिक्त धागों का कम निर्यात से भी कपास की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के 4,300-4,350 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है। उत्पादन क्षेत्रों में बारिश में तेजी के बाद बुवाई को बढ़ावा मिला है और चालू खरीफ मौसम में बेहतर उत्पादन की संभावनाएँ बढ़ गयी हैं। अगले कुछ दिनों में बारिश से उन क्षेत्रों में बुवाई को बढ़ावा मिलेगा, जहाँ किसानों को ग्वार का रकबा बढ़ने की संभावना है जो अब तक कम बारिश के कारण पिछड़ रहे हैं। राजस्थान के कृषि विभाग के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, इस सीजन में 31 जुलाई तक 1451.50 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल इस दौरान 2612.3 हजार हेक्टेयर में हुई थी।
इस सीजन में कम बुआई की खबरों के कारण कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को लगातार छठे हफ्ते 5,545 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। राजस्थान में कैस्टर की बुवाई का क्षेत्रों पिछले साल की समान अवधि के 50,100 हजार हेक्टेयर की तुलना में 72% कम होकर 13,900 हेक्टेयर रह गया है। (शेयर मंथन, 06 अगस्त 2019)
घरेलू स्तर पर मानसून में देरी और कॉटनसीड की अधिक कीमतों के कारण मध्य भारत में कपास का बुआई क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में 5% अधिक है। यद्यपि निर्यात की संभावनाएँ कम हो गयी हैं, लेकिन आयात में स्थिरता बनी रहने की उम्मीद है क्योंकि घरेलू आपूर्ति के मुकाबले आयातित कपास की कीमत अधिक हो गयी है। इसके अतिरिक्त धागों का कम निर्यात से भी कपास की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों के 4,300-4,350 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है। उत्पादन क्षेत्रों में बारिश में तेजी के बाद बुवाई को बढ़ावा मिला है और चालू खरीफ मौसम में बेहतर उत्पादन की संभावनाएँ बढ़ गयी हैं। अगले कुछ दिनों में बारिश से उन क्षेत्रों में बुवाई को बढ़ावा मिलेगा, जहाँ किसानों को ग्वार का रकबा बढ़ने की संभावना है जो अब तक कम बारिश के कारण पिछड़ रहे हैं। राजस्थान के कृषि विभाग के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, इस सीजन में 31 जुलाई तक 1451.50 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल इस दौरान 2612.3 हजार हेक्टेयर में हुई थी।
इस सीजन में कम बुआई की खबरों के कारण कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को लगातार छठे हफ्ते 5,545 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। राजस्थान में कैस्टर की बुवाई का क्षेत्रों पिछले साल की समान अवधि के 50,100 हजार हेक्टेयर की तुलना में 72% कम होकर 13,900 हेक्टेयर रह गया है। (शेयर मंथन, 06 अगस्त 2019)
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