एसएमसी ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में जिक्र किया है कि सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों में 3,650 के स्तर के पास सहारे के साथ 3,800 रुपये तक वापसी की संभावना है।
यह तिलहन अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों की बढ़त के रूख पर कारोबार कर रहा है। अमेरिका के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में बारिश और मौसम की गड़बड़ी के कारण सोयाबीन की बड़ी फसल को नुकसान हो रहा है। इस वर्ष अमेरिका में फसल की देर से बुआई और मिडवेस्ट में अधिक बारिश और बाढ़ के कारण पैदावार को नुकसान पहुँचने की संभावना है।
कारोबारियों की नजर 12 अगस्त को जारी होने वाले यूएसडीए के फसल अनुमानों के आँकड़ों पर रहेगी। इन रिपोर्टों से इस वर्ष के फसल अनुमानों को लेकर बाजार के अलग अनुमान के बीच छोटी अवधि के लिए रुझान मिलने की संभावना है। इसलिए अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में किसी भी वृद्धि से वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके अतिरिक्त ऐसी खबर है कि चीन अपने आयात शुल्क कोटा प्रबंधन से सोयाबीन तेल, सरसों तेल और पाम तेल को हटाने की योजना बना रहा है। एक सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए, मलेशियाई पाम तेल वायदा तीन महीने के उच्च के पास कारोबार कर रहा है और आगे भी बढ़त होने की संभावना है।
उपरोक्त फंडामेंटल को देखते हुए सोया तेल वायदा (सितंबर) और साथ ही सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतें क्रमशः 760 और 555 के स्तर पर पहुँच सकती हैं। तिलहनों में सरसों वायदा (सितंबर) का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है और कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,900-3,400 के दायरे में कारोबार कर सकती है। इसका कारण यह है कि पेराई मार्जिन काफी कम है और मिलों की ओर से माँग कम हो रही है। इस वर्ष की शुरुआत के बाद से जुलाई महीने में पेराई का आँकड़ा 9.50 लाख मीट्रिक टन से घट कर 5.25 लाख मीट्रिक टन हो गया है। किसानों, सरकार (नाफेड और हॉफेड) प्रोसेसरों के साथ-साथ स्टॉकिस्टों के पास कुल स्टॉक 43.25 लाख टन रहने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2019)
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