हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,150-6,250 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
हल्दी की हाजिर कीमतों में तेजी आयी है क्योंकि तेलंगाना और महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश से फसलों को नुकसान होने की आशंका है। निजामाबाद और वारंगल की मंडियों में हल्दी की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। आईएमडी ने तेलंगाना में औसत से 50% अधिक बारिश दर्ज की, जबकि रायलसीमा में सामान्य से 85% अधिक और मध्य महाराष्ट्र में सामान्य से 33% अधिक बारिश हुई है। यह देखते हुये, हल्दी की आवक लगभग 15-25% कम हो गयी है। अकेले निजामाबाद मंडी में आवक में 15% की कमी दर्ज की गयी है, जबकि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में परिचालन आमतौर पर कोरोना वायरस महामारी के कारण बाधित हुआ था।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतें 14,600-14,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। चीन के साथ, यूएई और वियतनाम में भी भारतीय जीरा की माँग में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, यूरोपीय देशों के द्वारा भी भारतीय जीरा की खरीदारी की उम्मीद है, क्योंकि दुनिया भर में लॉकडाउन की स्थिति के बीच पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सीरिया में उत्पादन 25-30 प्रतिशत कम होने की खबर है। इसके अलावा, आने वाले हफ्रतों के दौरान भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका को भी जीरे का निर्यात होने की उम्मीद है। हाजिर बाजारों में रफ जीरा की कीमत 1,950-2,225 रुपये और एनसीडीईएक्स किस्म की कीमतों 2,325-2,510 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है।
धनिया वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 6,850-6,900 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है और कीमतें बढ़ने के लिए अपना रास्ता बना रही है। वर्तमान में, मंडियों में काफी कम आवक हो रही है जबकि अधिकांश खरीदार सबसे अच्छी गुणवत्ता की खरीदारी करना चाह रहे हैं।
ईगल किस्म का भाव 50 रुपये बढ़कर 6,300-6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया और बादामी का भाव 6,000-6,100 रुपये प्रति क्विंटल रहा। (शेयर मंथन, 25 अगस्त 2020)
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