कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 19,400-19,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
व्यापारियों के अनुसार, कर्नाटक में उत्पादक क्षेत्रों में लगातार बारिश ने फसलों को प्रभावित किया है, जबकि खराब मौसम का पूर्वानुमान अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन कारोबारियों को मध्य प्रदेश में, आने वाले दिनों में आवक में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि मौसम पूरी तरह से साफ है। आईएमडी ने महाराष्ट्र में, अगले 24 घंटों में राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान लगाया है। बेमौसम बारिश के कारण फसल की गुणवत्ता और उत्पादन भी प्रभावित होती है। यह देखते हुये उत्पादक फसल कटाई के लिए तैयार है।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतें पिछले कुछ सत्र से भारी अस्थिरता के साथ कारोबार कर रही है और 5,450-5,550 रुपये के दायरे में कारोबार करना जारी रख सकती है। नॉफेड द्वारा अगली सूचना तक सभी चना नीलामियों को निलंबित कर दिये जाने से कीमतों को मदद मिल सकती है। विदेशों से सफेद मटर की नगण्य आपूर्ति से भी संभवतः चना की कीमतों को मदद मिल सकती है। अगले कुछ हफ्तों में शुरू होने वाले बुवाई सीजन से ठीक पहले किसानों को कोई भी नकारात्मक संकेत देने से बचने के लिए केंद्र सरकार तुरंत भारत में उत्पादित होने वाली सबसे बड़ी दलहन चना पर आयात शुल्क को कम नहीं करना चाहती है।
ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों के 4,110-4,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। जबकि, ग्वारगम वायदा (नवंबर) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 6,100-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और पंजाब की मंडियों में ग्वारसीड की आवक नहीं हो रही थी। इसलिए, व्यापारी और मिलें कम उत्पादन का अनुमान लगा रहे हैं। ग्वारसीड श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, राजकोट, मानसा, अबोहर, सिरसा, हिसार, आदमपुर की सभी छोटी और बड़ी मंडियों में पहुँच रहा है। (शेयर मंथन, 21 अक्टूबर 2020)
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