हाजिर बाजारों में तेजी के रुझानों के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 4,400 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
अधिक माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है और घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ रही हैं। विश्व बाजार में सोयाबीन और सोयामील की अधिक कीमतों ने वैश्विक बाजार में भारतीय सोयामील को प्रतिस्पर्धी बना दिया है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने तेल वर्ष 2019-20 के दौरान 8.60 लाख टन सोयामील के निर्यात की तुलना में तेल वर्ष 2020-2021 में 14 लाख टन सोयामील के निर्यात का अनुमान लगाया है। इस साल देश में कुल मिलाकर सोयाबीन की पेराई पिछले साल के 7.20 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 8.25 लाख टन हो गयी है। इस साल अक्टूबर तक देश में सोयामील की घरेलू खपत 4.50 लाख टन दर्ज की गयी जो पिछले साल 5.25 लाख टन थी। सीबोट में आज सोयाबीन वायदा की कीमतें चार साल से अधिक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी क्योंकि अधिक अमेरिकी निर्यात की उम्मीद के साथ रिकॉर्ड स्तर पर घरेलू सोयाबीन पेराई के कारण आपूर्ति में कमी रहने की संभावना है।
आरएम सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें अत्यधिक खरीदारी के दायरे में पहुँच गयी है और इसलिए इसे सलाह दी जाती है कि कारोबारी लांग पोजिशन बनाने से पहले सावधानी बरतें क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों में यह 6,330 रुपये के अब तक के रिकॉर्ड स्तर को पार नहीं कर सका है। कीमतों को 6,245 रुपये के पास बाधा रहने की संभावना है। सर्दियों के तिलहन की बुआई प्रगति पर है और नवीनतम अनुमान के अनुसार इस सीजन में अन्य प्रतिस्पर्धी फसलों की तुलना में न्यूनतम समर्थन मूल्य और आकर्षक रिटर्न के कारण 2020-21 (जुलाई-जून) में उत्पादन क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 10.1% की वृद्धि होने की संभावना है। कुल मिलाकर घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है क्योंकि पॉम ऑयल के स्टॉक की कमी और ब्राजील में सोयाबीन की आपूर्ति को लेकर चिंता के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है।
इन कारकों से सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतें 1,044-1,054 रुपये और सीपीओ वायदा (नवम्बर) की कीमतें 907-917 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 18 नवंबर 2020)
Add comment