सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है और कीमतें 4,350 रुपये के स्तर के पास सहारा के साथ 4,600 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
वैश्विक स्तर पर सोयाबीन की कमी से सोयामील की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और विदेशी खरीदारों के लिए भारतीय सोयामील एक सस्ता विकल्प बनता जा रहा है। इसलिए, स्थानीय सोयाबीन पेराई मिले अपनी निर्यात प्रतिबद्धताओं को बनाये रखने के लिए कम कीमतों पर अधिक सोयाबीन की खरीदारी कर रही हैं। सीबोट पर, दक्षिण अमेरिका के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में शुष्क मौसम को लेकर चिंता और बेहतर माँग के कारण सोयाबीन की कीमतें छह से अधिक वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है। यूएसडीए के अनुसार 2020-21 में रिकॉर्ड लगभग 2.2 बिलियन बुशल अमेरिकी सोयाबीन की पेराई हुई है, जो पिछले पाँच वर्षों में 15% से अधिक की वृद्धि है।
आरएम सीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें 5,250-5,550 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने अपने पहले के उस आदेश को वापस लेने का पफैसला किया है, जिसमें देश में सरसों के तेल में मिलावट पर रोक लगा दिया गया था। दूसरे, सरसों के तहत बुवाई क्षेत्र इस रबी मौसम में तेजी से बढ़ रहा है और कहा जाता है कि यह सामान्य क्षेत्र से अधिक हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी के रुझान पर राष्ट्रीय एक्सचेंजों में खाद्य तेलों की कीमतें हर सत्र में नये उच्च स्तर पर पहुँच रही हैं। इस तेजी के पीछे मुख्य कारक सीबोट में सोयाबीन की कीमतों में तेज उछाल और डॉलर इंडेक्स के 2 वर्ष के निचले स्तर पर पहुँचने, चीन की ओर से तिलहन के साथ-साथ खाद्य तेलों की मजबूत माँग है।
आगामी दिनों में सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतें 1,150 रुपये और सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें 960 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2020)
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