अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सकारात्मक संकेत लेते हुये राष्ट्रीय एक्सचेंज में सोयाबीन वायदा की कीमतें अपने 6 साल के उच्चतम स्तर 4,567 रुपये से थोड़ा ही नीचे कारोबार कर रही है।
यह तेजी 4,520-4,550 रुपये तक बनी रहेगी क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सूखे मौसम के बाद सीबोट पर कारोबारियों ने लांग पोजिशन में बढ़ोतरी की है। दक्षिण अमेरिका में सूखे मौसम के कारण फसल को नुकसान होने से आपूर्ति की चिंताओं के बीच श्रमिक हड़ताल के कारण अर्जेंटीना के सोया निर्यात को बाधित होने से कीमतों को मदद मिल रही है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, अर्जेंटीना के तिलहन श्रमिकों और अनाज निरीक्षकों ने कहा कि वे सोयामील निर्माताओं और निर्यातकों के नवीनतम मुआवजे की पेशकश को खारिज करते हुये काम को रोक सकते हैं। इस हड़ताल से अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों खाद्य तेल बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान समय में, यह तिलहन और खाद्य तेलों में तेजी का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, दो अन्य कारक हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है और वह है सबसे पहले मलेशिया से पॉम ऑयल के निर्यात के आँकड़ों के साथ भारत द्वारा सीपीओ के आयात की गति। जनवरी 2021 में मलेशिया के कच्चे पॅाम तेल (सीपीओ) निर्यात पर 8% की उच्चतम दर से फिर से निर्यात शुल्क शुरू होने से इसकी माँग पर अंकुश लग सकता है। दूसरा, चीन द्वारा आयात की संभावनाओं में वृद्धि हुई है और प्रमुख उत्पादक इंडोनेशिया द्वारा अपने बायोडीजल योजना को जारी रखने की खबर है।
यह देखते हुये, सोया वायदा (जनवरी) की कीमतों के 1,175-1,180 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है और सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतें 975-980 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
आरएम सीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में तेजी का रुझान दिख रहा है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 5,850-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। स्टॉक के कम होने और तिलहन परिसर में तेजी से खरीदारों को नयी खरीदारी करने का बढ़ावा मिल रहा है। (शेयर मंथन, 29 दिसंबर 2020)
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