हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 83,400 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
कल निजामाबाद मंडी में हल्दी के 20,000 बैग के मुकाबले 18,000 बैग की आवक के बीच गट्टे किस्म की कीमतों में 100-300 रुपये की गिरावट हुई है। इसी तरह, क्षेमसमुद्रम मंडी में 150 बैग की आवक के बीच गट्टे और फिंगर किस्म की कीमतों में 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
जीरा वायदा (अप्रैल) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतें 14,960 रुपये से नीचे ही रह सकती है। पिछले सत्र में प्रमुख जीरा मंडियों में सभी बढ़त समाप्त हो गयी क्योंकि उच्च आवक के कारण सभी किस्मों में 15 रुपये 20 किलोग्राम की गिरावट हुई। इस बीच, वित्तीय वर्ष समापन को देखते हुये राजकोट मंडी बंद है। 2 अप्रैल 2021 को बाजार के फिर से खुलने की उम्मीद है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,060-7,260 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान की मंडियों में हाजिर धनिया की कीमतों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के बाद कल उछाल दर्ज की गयी। दक्षिण भारतीय खरीदार बाजार में वापस आ गये हैं जिसकी वजह से हाजिर कीमतों में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई। दक्षिण भारतीय खरीदारों की माँग के कारण कीमतों में तेजी बनी रही। मिलों और स्टॉकिस्टों ने कल के सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया, क्योंकि हरियाणा के दो मसाला निर्माताओं ने 1,500 क्विंटल धनिया खरीदा। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दिल्ली के खरीदारों की ओर से भी खरीदारी देखी गयी। रामगंज मंडी में धनिया की बादामी किस्मों की कीमतों 5,350-5,570 रुपये प्रति क्विंटल और ईगल की कीमत 5,650-5,800 रुपये प्रति क्विंटल थी। कोटा और बारां मंडी में नये धनिये की कीमत 5,570 रुपये प्रति क्विंटल थी। (शेयर मंथन, 26 मार्च 2021)
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