सोयाबीन वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी के रुख के साथ 7,300-7,400 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, सोयाबीन उत्पादन क्षेत्र में, कभी-कभी बूंदा बांदी हो रही है, लेकिन इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है क्योंकि मानसून की प्रगति ठप हो गयी है।
आईएमडी के अनुसार, मध्य प्रदेश में 1 जून से 8 जुलाई तक कुल वर्षा आठ प्रतिशत कम होकर 178 मिमी हुई है, जबकि राजस्थान में यह 28 प्रतिशत कम हुई है। लेकिन महाराष्ट्र में इस अवधि के दौरान सामान्य से 2 फीसदी अधिक बारिश हुई है। 1 जुलाई से अब तक मध्य प्रदेश में 82 फीसदी, राजस्थान में 84 फीसदी और महाराष्ट्र में 70 फीसदी बारिश हुई है। महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी नमी की कमी किसानों को प्रभावित करती दिख रही है। किसान सोयाबीन की दोबारा बुवाई करने के लिए मजबूर हो सकते हैं, लेकिन बीज की उपलब्धता एक चुनौती हो सकती है।
आरएम सीड वायदा (अगस्त) की कीमतों के 6,820-6,920 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है क्योंकि इस काउंटर पर आवक का दबाव बढ़ना शुरू हो गया है। प्रमुख बाजारों में सरसों की आवक बढ़कर दो लाऽ बोरी हो गयी। बेंचमार्क बाजार जयपुर में सरसों 7,100-7,125 रुपये प्रति 100 किलो के दायरे में बिक रहा है।
सोया तेल वायदा (अगस्त) की कीमतों के 1,275-1,295 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,025-1,045 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। घरेलू बाजार में तेल और तिलहन की कीमतों को कम रखने के लिए सरकार खाद्य पदार्थों पर स्टॉक सीमा लगाने पर विचार कर रही है। हाल ही में आयात प्रतिबंधें में ढील देने के उपायों के बावजूद कीमतें ऊँची बनी हुई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति को कम करने के लिए सरकार को आपूर्ति का उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करती रही है। (शेयर मंथन, 12 जुलाई 2021)
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