स्थिर माँग और हल्दी की फसल में अच्छी प्रगति के कारण हल्दी वायदा (सितंबर) की वायदा कीमतों पर लगातार दूसरे सप्ताह दबाव देखा गया।
अब कीमतों के 8,000 रुपये के स्तर पर तत्काल बाधा के साथ 7,500 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। सभी दक्षिणी राज्यों और महारष्ट्र में हल्दी की फसल अच्छी स्थिति में है, इसलिए अगले सीजन में बहुत अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। लेकिन इसके औषधीय और प्रतिरक्षा संबंधी अन्य लाभों के कारण दुनिया भर में हल्दी की माँग बढ़ गयी है। 2021 के पहले 6 महीनों में हल्दी का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3% बढ़कर 77,300 टन हुआ है।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतों में पिछले कारोबार में गिरावट हुई है। कीमतों के 14,200-15,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है क्योंकि अधिक उत्पादन के कारण व्यापारियों और किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक है। सितंबर से नवंबर के बीच पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश के पूर्वानुमान से गुजरात और राजस्थान में जीरा की बुआई को समर्थन मिल सकता है। 2021 में जनवरी-जून के दौरान देश ने पिछले साल की समान अवधि समय के 90,000 टन की तुलना में 1.20 लाख टन से अधिक जीरा निर्यात किया है।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों में पिछले कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतों के 7,800-8,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। पिछले एक हफ्ते राजस्थान की जयपुर और रामगंज मंडी में धनिया की कीमतों में स्थिरता बरकरार है। अगस्त में धनिया के भाव 8,500 रुपये तक बढ़ गये है और अब खरीदार बड़ी खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। पिछले महीने, गुजरात और राजस्थान में शुष्क मौसम के कारण कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन मानसून की बारिश फिर से शुरू होने के साथ, आने वाले मौसम में उत्पादन में नुकसान की आशंका कम हो गयी है। निर्यात माँग में वृद्धि से कीमतों को समर्थन मिल सकता है। (शेयर मंथन, 06 सितम्बर 2021)
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