विदेशी बाजारों में कमजोर रुझानों के कारण सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 2.6% की गिरावट हुई है।
ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के प्रसार से वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा होने की आशंका से कल अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में लगातार पांचवें दिन गिरावट हुई है। कीमतें 6,300 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,800 रुपये के स्तर पर लुढ़क सकती हैं। भारत में सोयाबीन की कीमतों में एक हफ्ते में 12% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि भारत के कई किसान सोयाबीन को तिलहन प्रोसेसर को बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। खाद्य तेल के आयात में गिरावट के कारण सोयाबीन की पेराई माँग में बढ़ोतरी हो रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के रुख को देखते हुये खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। नवंबर में बेहतर निर्यात आँकड़ों के बावजूद मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में आठ सप्ताह के निचले स्तर पर गिरावट हुई क्योंकि ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण के बारे में चिंताओं ने वैश्विक खाद्य तेलों में बिकवाली को बढ़ावा दिया। भारत में, नवंबर के पहले 3 सप्ताह तक खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि हुई, लेकिन अब गिरावट हो रही है लेकिन माँग में बढ़ोतरी और कम आयात के कारण गिरावट सीमित है। इसके अलावा, 15-नवंबर के दौरान शुल्क मूल्य में 1% से अधिक की वृद्धि भी खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,184 रुपये पर सहारा और 1,214 रुपये पर बाधा के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,086 रुपये पर सहारा और 1,120 रुपये पर अड़चन के साथ सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 01 दिसंबर 2021)
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