कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल मामूली गिरावट हुई है। अब कीमतें 31,500 के स्तर को पार करती है तो 32,000 रुपये स्तर तक पहुँच सकती है।
कम कीमतों के कारण बाजारों में कपास की आवक सामान्य से कम है और मिलों के पास स्टॉक भी कम है। उत्पादन पर चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55% अधिक हैं।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल मामूली गिरावट दर्ज की गयी। लेकिन कीमतों में तेजी का रुझान है। अब कीमतों में 5,750 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 5,925 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। नवंबर में, नये सीजन की आवक और कम निर्यात माँग के कारण के कारण कीमतों में गिरावट हो रही है, लेकिन कम उत्पादन, कई वर्षो में सबसे कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की उम्मीद पर अभी भी कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
मुनाफा वसूली के कारण कैस्टरसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल 0.2% की गिरावट के साथ बंद हुई है। कीमतें 6,410 रुपये के स्तर पर सहारा और 6,500 रुपये के स्तर रुकावट के साथ एक दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कोरोना की तीसरी लहर की अनिश्चितताओं के कारण व्यापारियों की ओर से माँग कम है। कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबे के कारण अरंडी का उत्पादन 15.98 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होगा। इसके अलावा, पूरे साल अरंडी के तेल की लगातार निर्यात माँग रही है जिससे तेल की कीमतें उच्च स्तर पर बनी हुई है जबकि तेल-मिलों के पास स्टॉक कम है। (शेयर मंथन, 09 दिसंबर 2021)
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