सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतें कल मामूली बदलाव के साथ बंद हुई है जबकि रबी तिलहन फसल की बुआई जोरदार गति से चल रही है।
अब कीमतों के 6,350 रुपये के स्तर पर सहारा और 6,700 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान सरकार द्वारा लगायी गयी स्टॉक सीमा से कीमतों की बढ़त सीमित हो रही है। भारत में सोयाबीन की कीमतें इस वर्ष में अब तक 51% से अधिक है, क्योंकि भारत के कई किसान प्रोसेसरों को सोयाबीन बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। इसी तरह तेल मिल मालिक और स्टॉकिस्ट भी सोयाबीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। विदेशी बाजारों में नरमी के रुझान पर खाद्य तेल की कीमतों में कल गिरावट हुई है।
जैव ईंधन मिलावट के आदेश को वापस लेने के प्रस्ताव के बाद और ओमाइक्रोन कोरोना वायरस संस्करण को लेकर चिंताओं के कारण सीबोट में सोया तेल की कीमतों में गिरावट के बाद मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में भी कल गिरावट हुई है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतें 2.3% गिर गयी। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल कॉन्टैंक्ट 1.5% कम हुआ, जबकि इसका पॉम तेल कॉन्टैंक्ट 2.6% फिसल गया। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतों के 1,200-1,224 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतें 1,108-1,125 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 09 दिसंबर 2021)
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