कल कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 0.8% की बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतों के 37,100 रुपये पर सहारा के साथ 3,79,400 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 78% अधिक हैं जबकि पिछले एक महीनें में 11% बढ़ी है। सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था। जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास को उत्पादन को पिछले महीनें के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल गिरावट हुई है। कीमतों में 6,370 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 6,270 रुपये तक गिरावट होने की संभावना हैं। वर्तमान में, कम उत्पादन कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 60% अधिक हैं। नवंबर में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 44.4% बढ़कर 2.09 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतें कल मामूली बदलाव के साथ बंद हुई है और अब कीमतें 6,410-6,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे कारोबार कर सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 48% अधिक है।
गुजरात कृषि विभाग के दुसरे अग्रिम अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल निर्यात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-दिसंबर) के दौरान अरंडमील के निर्यात में 16.5% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 02 फरवरी 2022)
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