उच्च स्तर पर बिकवाली के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 0.6% की गिरावट हुई है।
कीमतें 36,830 रुपये पर सहारा के साथ 37,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 67.7% अधिक है जबकि इस वर्ष अब तक 9.7% बढी है। सीएआई ने अपनी नवीनतम रिपार्टे में 2021-22 के लिए अपने कपास उत्पादन को 5.00 लाख गांठ घटाकर के 343.13 लाख गांठ (1 गाठं 170 किलोग्राम का) कर दिया है। खपत भी 5 लाख गांठ घटकर 340 लाख गांठ रह गयी, जबकि निर्यात और आयात के आँकडें क्रमशः 15-45 लाख गांठ पर अपरिवतिर्त है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अगिम्र अनुमान के तहत कपास का उत्पादन पहले अनुमान के 362 लाख बले की तुलना में 340 लाख बले होने का अनुमान लगाया है। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपार्टे में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बले से घटाकर 27.5 मिलियन बले कर दिया है जबकि सबसे बड़े नियार्त क अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3.61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बले कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (माच) की कीमतों में कल 0.7% की बढत़ के साथ बदं हुई। कीमतें 5,975-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में कम उत्पादन, कई वर्षा में कम स्टाकॅ आरै अच्छी नियार्त माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 56.2% अधिक है। तेल रिग की सख्ंया भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। दिसंबर में ग्वारगम का नियार्त वर्ष-दर-वर्ष 32% बढ़कर 32,420 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 42.6% बढ़कर 2.41 लाख टन हो गया। कच्चे तले की ऊँची कीमतें और अमेरिका में रिग काउंट में बढ़ोतरी ग्वारगम की माँग के लिए अच्छी खबर है आरै आने वाले हफ्तों में कीमतों को सहारा मिल सकता है।
उच्च स्तर पर बिकवाली के कारण कैस्टरसीड वायदा (माच) की कीमतें कल 1.7% की गिरावट के साथ बंद हुई। अब कीमतें 7,270 रुपये पर अड़चन के साथ 7,000 रुपये तक लूढक सकती है। वर्तामान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 61.6% अधिक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 के दूसरे अगिम्र अनुमान के तहत अरंडी का उत्पादन 15.08 लाख टन होने का अुमान लगाया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.5% कम है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अगिम्र अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ। था। अपैल-दिसम्बर के दौरान अरंडी तेल का नियार्त पिछले साल के लगभग बराबर 5.15 लाख टन हुआ है। इसी तरह (अपैल दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के नियार्त में 4.64% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 04 मार्च 2022)
Add comment