अंतराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।
ब्रेंट क्रूड के भाव तकरीबन 0.20% गिरकर 60 डॉलर के आसपास पहुँच गया है। वहीं, अमेरिकी कच्चे तेल यानि नायमेक्स क्रूड के भाव मामूली नरमी के साथ 51 डॉलर के आसपास देखा गया है।
घरेलू बाजार में कच्चे तेल के भाव 0.16% की गिरावट के साथ 3684 रुपये पर पहुंच गये हैं।
जानकारों का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर मंदी के संकेत हैं। इस वजह से कच्चे तेल की मांग घटने के आसार हैं। इस वजह से भी कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है।
नवंबर में चीन में तेल की रिफाइनरी का उत्पादन अक्टूबर के मुकाबले घटा है। इससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि वहां कच्चे तेल की मांग घट सकती है।
पूरी दुनिया में चीन कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में पिछले कई सालों के बाद चीन में रिटेल सेल्स और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के चलते चीन की अर्थव्यस्था में सुस्ती दिख रही है।
वहीं, अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन भी सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, बीते हफ्ते अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले ऑयल रिग्स की संख्या 4 घटकर 747 पर आ गई है। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2018)