कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है।
ओपेक और अन्य देशों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती को जारी रखने पर संदेह के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। पिछले दो दिनों में चीन और अमेरिका के बीच व्यापार करार और कुछ बेहतर अमेरिकी आँकड़ों से कीमतों को मदद मिली है। अब बाजार की नजर ओपेक और अन्य देशों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती को जारी रखने पर है।
रूस ने सितंबर में 1.125 करोड़ बैरल प्रति दिन की तुलना में अक्टूबर में 1.123 करोड़ बैरल प्रति दिन तेल का उत्पादन किया है, लेकिन वह फिर से समझौते के मुताबिक कटौती करने में असफल रहा। ओपेक के साथ रूस और अन्य उत्पादक जनवरी से ही 12 लाख बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन में कटौती कर रहे हैं। कारोबारियों की पैनी नजर सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको के आईपीओ पर भी है। कच्चे तेल की कीमतें 4,060 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 3,980 रुपये पर पहुँच सकती हैं।
ठंडे मौसम के कारण नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में बढ़त जारी रह सकती है और कीमतों में 196 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 205 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती हैं। (शेयर मंथन, 05 नवंबर 2019)