कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,260 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,040 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी स्टीमुलस पर समझौता होने की उम्मीद और एशियाई देशों के कोरोना वायरस महामारी के बाद फिर से खुलने के बाद तेल की माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना से आज तेल की कीमतें शुरुआती कारोबार में बढ़ गयी। कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आये नकदी के संकट से जूझ रहे अमेरिकी राज्यों के लिए एक नये समर्थन पैकेज के लिए डेमोक्रेट्स और व्हाइट हाउस के बीच गतिरोध दूर होने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह ट्वीट किये जाने पर कि प्रमुख कांग्रेसी डेमोक्रेट्स कोरोना वायरस से संबंधित आर्थिक राहत पर उनसे मिलना चाहते है, तेल की कीमतों को मदद मिली। साथ ही, सऊदी अरब के अरामको के मुख्य कार्यकारी अमीन नासर ने कहा कि एशिया में तेल की माँग को अर्थव्यवस्थाओं में रिकवरी के रूप में देखते हैं। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में वृद्धि और औद्योगिक गतिविधियों के कोरोना वायरस से पहले के स्तरों पर पहुँचने के कारण, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सुधर के संकेत मिले, जुलाई में चीन के कारखाने के अपस्फीति में कमी दर्ज की गयी।
नेचुरल गैस की कीमतों में गिरावट पूरी हो गयी है और अब उछाल दर्ज की जा सकती है और कीमतों को 156 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 167 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 11 अगस्त 2020)